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पतंजलि की अनोखी पहल: किसानों की मदद से बदल रहा है भारत का कृषि क्षेत्र
- Reporter 12
- 22 Mar, 2025
भारत में कृषि हमेशा से अर्थव्यवस्था की रीढ़ रही है। लेकिन बदलते दौर में किसानों को नई तकनीकों और संसाधनों की जरूरत है ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और अपनी आय बढ़ा सकें। पतंजलि आयुर्वेद, जो आयुर्वेदिक उत्पादों के लिए जाना जाता है, अब कृषि क्षेत्र में भी क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है। बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की अगुवाई में पतंजलि कृषि किसानों को जैविक खेती, प्राकृतिक संसाधनों के सही उपयोग और आधुनिक तकनीकों से जोड़ने का काम कर रहा है।
कैसे किसानों की मदद कर रहा है पतंजलि?
1. जैविक खेती को बढ़ावा
पतंजलि का मुख्य उद्देश्य किसानों को रासायनिक खेती से हटाकर जैविक और प्राकृतिक खेती की ओर ले जाना है। कंपनी किसानों को जैविक खाद, प्राकृतिक कीटनाशक और देसी बीज उपलब्ध करवा रही है, जिससे उनकी उपज की गुणवत्ता बेहतर होती है और मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है।
2. पतंजलि कृषि विज्ञान केंद्र
पतंजलि ने देशभर में कई कृषि विज्ञान केंद्र खोले हैं, जहां किसान नई खेती की तकनीकों, प्राकृतिक खेती के फायदों और जैविक उत्पादों के उपयोग के बारे में सीख सकते हैं। इन केंद्रों के माध्यम से किसान सजीव प्रशिक्षण और विशेषज्ञों की सलाह प्राप्त कर सकते हैं।
3. किसानों को उचित मूल्य दिलाने की पहल
पतंजलि का एक महत्वपूर्ण कदम यह भी है कि वह किसानों से सीधे फसल खरीदता है। इसके लिए उसने पतंजलि फूड पार्क की स्थापना की है, जहां जैविक उत्पादों को प्रोसेस कर बाजार में बेचा जाता है। इससे बिचौलियों की भूमिका खत्म होती है और किसानों को उनके उत्पाद का सही मूल्य मिलता है।
4. प्राकृतिक कीटनाशक और उर्वरक का उत्पादन
कई किसान रासायनिक कीटनाशकों और उर्वरकों के कारण आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। पतंजलि ने इसका समाधान निकालते हुए गोमूत्र आधारित कीटनाशक, जैविक खाद और प्राकृतिक उर्वरक विकसित किए हैं, जो न केवल पर्यावरण के अनुकूल हैं बल्कि सस्ते भी हैं।
5. किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की मुहिम
पतंजलि किसानों को कृषि-आधारित उद्योगों से जोड़ने पर भी काम कर रहा है। जैविक मसाले, दालें, आटा और अन्य खाद्य उत्पादों की बढ़ती मांग को देखते हुए, किसानों को इन उत्पादों की खेती करने और सही मार्केटिंग की जानकारी दी जा रही है।
पतंजलि से जुड़े किसानों की सफलता की कहानियां
कई किसानों ने पतंजलि के मार्गदर्शन में जैविक खेती अपनाई है और उनकी आमदनी में वृद्धि हुई है। उदाहरण के लिए, उत्तराखंड और हरियाणा के किसान जो पहले रासायनिक खेती पर निर्भर थे, अब प्राकृतिक खेती के माध्यम से अधिक लाभ कमा रहे हैं और उनकी जमीन भी पहले से अधिक उपजाऊ हो गई है।
निष्कर्ष
पतंजलि न केवल स्वास्थ्य और आयुर्वेद के क्षेत्र में बल्कि भारतीय कृषि में भी क्रांति ला रहा है। किसानों को आत्मनिर्भर बनाने, जैविक खेती को प्रोत्साहित करने और कृषि आधारित उद्योगों को विकसित करने के अपने प्रयासों से यह संगठन देश के एग्रीकल्चर सेक्टर को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है।
क्या आप भी जैविक खेती से जुड़ना चाहते हैं? पतंजलि की इस मुहिम के बारे में आपकी क्या राय है? हमें कमेंट में बताएं!
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